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Tuesday 31 August 2021

Digital Tension Free world




 


इस सपनों की दुनिया में इंसान की जरूरत सीमित है। लोग इसे मनोरंजन के लिए असीमित कर देते हैं क्योंकि ज्यादातर सोचते हैं कि वे मर जाएंगे। ईमानदारी से, यह सच नहीं है।

सहयोग एक प्रक्रिया शुरू करता है। ..

जब दो मिलते हैं तो अवसर हम दोनों के लिए चमकता है।


हम कुछ समय खरीददार के रूप में और कुछ विक्रेता के रूप में मिल रहे हैं। हमने पाया कि विक्रेता और खरीददार दोनों एक हैं। हम सब एक हे।

लेना या देना व्यवसाय को फैलाने की एक प्रक्रिया है। हम जो लेते हैं या देते हैं, वास्तविकता के साथ कल्पना।

दोस्ती हर रिश्ते में हमेशा मौजूद रहती है।

प्रगति विचारों की निरंतरता पर निर्भर करती है क्योंकि विचार सक्रिय शरीर की ओर निर्देशित होते हैं।

मानव समाज को हम (आप+i) कितना आसान बना सकते हैं।

अगर सोच सकते हैं, पैसे का महत्व मूल्यवान या समझना कि हम पैसा क्यों कमाते हैं...

हां, इच्छाओं को पूरा करना इच्छाओं को भंग करने का एक तरीका है। सब करते हैं।

Friday 23 October 2015

EMPLOYMENT

जन जागृति

हम सभी जानते  है, कि समाज में रोजगार की उपलब्धि के अन्नंत माधय्म है।  हम सभी मिलकर प्रयास करते है की समाज से बेरोजगारी को सम्पात करें।

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सदैव ही मानव श्रेष्ठ है इस कथन का आशय है यह है कि हम जान सकते है,प्रत्येक वह है, जो एक है। 

निश्चित रोजगार पाइये 

 निश्चित कैसे ?

 मानव गुण है कि वह अधिकतम या पूर्ण होना चाहता है और सदैव उन्नति पथ पर क्रियाशील बने रहना मानव स्वभाव है। 


निश्चित कैसे होते है-  

किसी विशेष कार्य या उददेश्य के प्रति तत्परता की साथ निरन्तर अभ्यास और गहराई से जानने का प्रयास ही हम सभी को आतंरिक दृढ़ निश्चय प्रदान करता है कि उस विशेष कार्य या उददेश्य मे स्वयं को सफल बना सकते है। साथ ही साथ इस बात को निश्चित कर सकते है। 
 उनके सभी की लिये जो चाहते है कार्य को सीखना ,कार्य को करना और अन्य को प्रेरित करना  कि आप कैसे निश्चित कर सकते है। सफलता।


रोजगार- 

प्रत्येक कार्य से रोजगार प्राप्त होता है। प्रत्येक की रूचि पर यह निर्भर है वह क्या करना चाहता है। 


ऑनलाइन ऑफलाइन 


प्रत्येक क्षेत्र अन्नत सम्भवनाऐ रखता है रोजगार के लिए। 






Truth lives with us, that we are immortal. We are present always in light form. If We want to feel this fact then only one way to see this truth. See inside. we are immortal. 

Great Ideas

  • We could not take any physical things with us. Everyone knows this truth.
  • We are one from Inside.
  • We should always think for all because every life needs the same.
  • We should always feel satisfaction in our self in any circumstances because Everyone knows this time and condition is changing every moment. 
  • More........... 
Believe is the key to success.  

जीवन का  रहस्य जानने का सर्वोत्तम मार्ग एक है,आपने अंदर का ज्ञान को जानना। तब ही हम जान  सकते है की वास्तव में हम सभी एक ही  डोर से बंधे  है जो है साँस की डोर । हम सभी इस  साँस की डोर  के  द्वारा ही स्वयं के अस्तिव को जान सकते और इस सत्य को  स्वीकार करते कि  हम सभी शरीर के नष्ट होने पर भी हम है, हमेशा।









Thursday 1 October 2015

An introduction of Self realization Followship

An introduction of Self realization Follow ship

       Truth is always simple for all. 

सभी जानते है कि मानव की शाक्ति आपार है. यदि वह स्वयं को जानने का प्रयास करे तो निष्चय ही पुनः विचार करेगा कि जीवन का क्या उद्देश्य है। प्रयास ही सफलता का धोतक है। 


आश्चर्य, जब आप विचार करेंगे कि प्रत्येक आदमी का चेहरा अलग-अलग  होता है लेकिन साँस एक है। जिसे हम मनुष्य पकड़ सकते है. वैज्ञानिक विधि से और अनुभव कर सकते है वास्तविक जीवन को जो अमर है और अनन्त ऊर्जा है। जो सब रूपों में दृश्य और अदृश्य है।  निश्चय यह विषय वाणी या किसी भी बाहरी साधन से नहीं प्राप्त किया जा सकता है।  इसके लिए हम मनुष्यो को वैज्ञानिक दृष्टिकोण  और इच्छा को सही दिशा में और निश्चय साधन जो क्रियायोग विज्ञान के द्वारा उपलब्ध है , का  अनुसरण करना ही पड़ेगा आज नहीं तो कल या अगली बार या जब पुनः दृश्य होगे मानव रूप में इस स्वपन संसार में।  

हम ,प्रत्येक कोई चाहत रखता है की उसे भगवान /गॉड /अल्लाह /नानक/बुद्ध /महावीर / और सब नाम / स्थान /  ईश्वर  या जहां से आतंरिक शान्ति का आभास होता है। मिल जाये।
जिससे जीवन सफल हो जाये। 
मानव तन बड़ भाग्य से पायो 

वर्तमान समय द्वापर युग का आरोही काल है वर्ष 321  वां   
जैसा हम सभी देख और समझ सकते है कि मानव बुद्धि अनोखे और विषमय करी तथ्यों को उजागर कर रही है। 

मृत्यु  (परिवर्तन ) ही को अंत के रूप में देख पाते है।  ऐसा मानव जीवन चाहे जितना भी भौतिक सम्पनता से भरा हो और चाहे कितने ऊँचे सांसारिक कार्य -व्यापार में पदस्थ हो सब व्यर्थ ही है।  क्योंकि मानव जीवन के लक्ष्य का भान भी न होना ऐसा है , जैसे जानवर का जीवन चक्र। वास्तव में यह बात तब तक असमझ है , जब तक मानव जिज्ञासा, जिज्ञासु  किसी ऐसे मार्ग का  पाथिक नही हो जाता है। 

मानव जीवन यथार्थ में भौतिकता और आध्यमिकता का समिश्रण है।  कष्ट पूर्ण तब ही  तक है। 
जब - तक मात्र भौतिकता पूर्ण विचारों को सृजित करते रहेंगे।  और खेद जनक बात यह भी है, की वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त निष्कर्षो का सार जो भौतिक अस्तित्व के भाग को स्पष्ट करता है। वह भी नहीं समझ पा रहे है।